राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शोक संदेश –
“श्री विष्णु हरी डालमिया जी के दुःखद निधन का समाचार हम सभी के मन में एक दुःखदायक रिक्तता निर्माण कर गया है। वर्तमान पीढ़ी सहित समाज की तीन पीढ़ियां उनके समाज जीवन में सतत व सक्रिय योगदान को देखते आयी है। विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के नाते धार्मिक जगत सहित सभी क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं में उनकी आत्मीयता के अधिकार से दिये गये सामयिक परामर्श पाया है समाज के अनेक विषयों के प्रति उनका निश्चल मन कितनी चिंताओं का वहन करता था यह हम सब के सामने प्रत्यक्ष हुआ है।
विहिप अध्यक्ष वीएस कोकजे का शोक संदेश –
विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया के निधन से सिर्फ विहिप ही नहीं सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एक अपूर्णीय क्षति हुई है. अपने शोक प्रस्ताव में विहिप अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि श्री डालमियां सरलता, सक्रियता, सौम्यता व दृढ़ता के संगम थे. वे विश्व हिन्दू परिषद् से एक लम्बे कालखंड तक जुड़े रहे. हर मुद्दे पर उनके संवेदनशील विचार मस्तिष्क को झकझोर देते थे. सन् 1979 में प्रयागराज की पुण्य भूमि पर द्वितीय विश्व हिन्दू सम्मलेन के स्वागताध्यक्ष के रूप में जुड़े देश के ये प्रसिद्द उद्योगपति विहिप के उपाध्यक्ष, कार्याध्यक्ष व अध्यक्ष के रूप में सन् 2005 तक जुड़े रहे. वे 1992 से 2005 तक उदयपुर के महाराणा के बाद विहिप के चतुर्थ अध्यक्ष बने. वे एक महान गौभक्त, दानदाता के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी सेवा संस्थान, मथुरा के उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि न्यास के प्रन्यासी तथा विहिप के संरक्षक व आजीवन प्रन्यासी थे. श्री राम जन्मभूमि के सन्दर्भ में हुईं विविध वार्ताओं में उनकी सक्रिय भूमिका थी. वे श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर की अधूरी साध लेकर चले गए. उनके इस अधूरे सपने को पूरा करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
17 जनवरी 1928 को राजस्थान के झुंझुनू जिलान्तर्गत चिडावा में जन्मे श्री डालमिया उद्योग – व्यापार जगत की अनेक नामीग्रामी कंपनियों, संस्थाओं, संगठनों यथा एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बैंक, चेम्बर्स ऑफ कोमर्स एंड इंडस्ट्रीज, फेडरेशन ऑफ इण्डियन चेंबर ऑफ कोमर्स एंड इंडस्ट्रीज इत्यादि के विविध पदों पर सक्रिय रहे.