राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प.पू. श्री मोहन राव भागवत जी और सर कार्यवाह श्री भय्याजी जोशी द्वारा भारत माता की प्रतिमा को पुष्पार्चन कर शुक्रवार को त्रिदिवसीय समन्वय बैठक का प्रारम्भ हुआ।
सह सरकार्यवाह श्री सुरेष जी सोनी ने बैठक की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विचारधारा को लेकर हम सभी संगठन समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। बदलते हुए विश्व परिदृष्य, देश की परिस्थति और अपने संगठन की स्थिति का योग्य आंकलन करते हुए हम सभी को अपने क्षेत्रों में आगे बढना है। किसी भी कार्य के उपेक्षा, विरोध और स्वीकार यह तीन पड़ाव होते है, पहले दो पड़ाव पार कर हम समाज में स्वीकृति का अनुभव कर रहे हैं। विश्व परिदृश्य, देश की वर्तमान स्थिति और अपने संगठन की सांगठीक स्थिति का योग्य आकलन एवं समझ हो, इस हेतु से अनेक विषयों पर यहां तीन दिन में चर्चा होगी। अपने बहिर जगत और अंतर जगत के बीच समन्वय साधते हुए हमें परस्पर समन्वय के साथ आगे बढना है।