नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि श्री गुरु तेगबहादुर जी ने उस समय अपने जीवन का बलिदान ना दिया होता तो आज पूरा भारत इस्लाम में परिवर्तित हो जाता तथा हमारी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता समाप्त हो जाती. उनके तथा उनके परिवार के महान बलिदान ने हमारी महान संस्कृति तथा धर्म को बचा लिया.
सह सरकार्यवाह जी श्री गुरु तेगबहादुर जी के जीवन पर आधरित पुस्तक ‘हिन्द की चादर श्री गुरु तेगबहादुर जी’ के लोकार्पण के अवसर पर संबोधित कर रह थे. उन्होंने कहा कि उनकी शहादत इस बात को दर्शाती है कि व्यक्ति को अपने निर्णयों पर अटल रहना चाहिए. फिर चाहे उसे अपने प्राण ही क्यों न त्यागने पड़ें. परन्तु आज अफ़सोस की बात है कि हमारे समाज के अधिकतर लोग तथा युवाओं को इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है. इसीलिए यदि आज का युवा नौजवान अपने कार्यों में सफल होना चाहता है तो उन्हें गुरु तेगबहादुर जी से प्रेरणा लेनी चाहिए. गुरु महाराज जी ने उनकी शरण में आए कश्मीरी पंडितों का एक बार हाथ पकड़ा और उनका आजीवन साथ निभाया.
सह सरकार्यवाह जी ने कहा कि सिक्ख इतिहास तथा गुरु परम्पराओं द्वारा दिए गये महान बलिदान से, देश, धर्म, समाज की रक्षा कैसे की जा सकती है, इसके लिए श्री विजय गुप्ता जी द्वारा लिखित यह पुस्तक लोगों को अवश्य पढ़नी चाहिए. इससे पूर्व इस पुस्तक की समीक्षा तथा इसके विस्तृत सन्दर्भ पेश कर बीबी डॉ. सुरजीत कौर जौली ने पुस्तक से परिचय करवाया. कार्यक्रम में एम.डी.एच. संस्थान के संस्थापक माहशय धर्मपाल ने श्री गुरु तेगबहादुर जी को सम्पूर्ण विश्व तथा मानवता का रक्षक बताया. राष्ट्रीय सिक्ख संगत एवं दक्षिण दिल्ली वेद प्रचार मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के सुपुत्र सुनील शास्त्री जी, स्वामी आर्यवेश जी, स. चिरंजीव सिंह जी, अविनाश जायसवाल जी, डॉ. अवतार सिंह शास्त्री जी, स. देवेन्दर सिंह गुजराल, स. देवेन्दर सिंह साहनी, ग्रंथ रचनाकार विजय गुप्ता जी तथा रविदेव गुप्ता जी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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