श्री रामजन्मभूमि के संबंध में मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के बाद संघ के सरसंघचालक डॉ मोहनजी भागवत का वक्तव्य :
श्री रामजन्मभूमि के संबंध में मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस देश की जनभावना, आस्था एवं श्रद्धा को न्याय देने वाले निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है। दशकों तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद यह विधिसम्मत अंतिम निर्णय हुआ है। इस लंबी प्रक्रिया में श्री रामजन्मभूमि से संबंधित सभी पहलुओं का बारीकी से विचार हुआ है। सभी पक्षों के द्वारा अपने-अपने दृष्टिकोण से रखे हुए तर्कों का मूल्यांकन हुआ। धैर्यपूर्वक इस दीर्घ मंथन को चलाकर सत्य व न्याय को उजागर करने वाले सभी न्यायमूर्ति तथा सभी पक्षों के अधिवक्ताओं का हम शतशः धन्यवाद व अभिनंदन करते हैं। इस लम्बे प्रयास में अनेक प्रकार से योगदान देने वाले सभी सहयोगियों व बलिदानियों का हम कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं।
निर्णय स्वीकार करने की मनःस्थिति, भाईचारा बनाये रखते हुए पूर्ण सुव्यवस्था बनाये रखने के लिये सरकारी व समाज के स्तर पर हुए सभी लोगों के प्रयास का भी स्वागत व अभिनंदन करते हैं। अत्यंत संयमपूर्वक न्याय की प्रतीक्षा करने वाली भारतीय जनता भी अभिनंदन की पात्र है।
इस निर्णय को जय-पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिये। सत्य व न्याय के मंथन से प्राप्त निष्कर्ष को भारत वर्ष के संपूर्ण समाज की एकात्मता व बंधुता के परिपोषण करने वाले निर्णय के रूप में देखना व उपयोग में लाना चाहिये। सम्पूर्ण देशवासियों से अनुरोध है कि विधि और संविधान की मर्यादा में रहकर संयमित व सात्विक रीति से अपने आनंद को व्यक्त करें।
इस विवाद के समापन की दिशा में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप परस्पर विवाद को समाप्त करने वाली पहल सरकार की ओर से शीघ्रतापूर्वक होगी, ऐसा हमें विश्वास है।
अतीत की सभी बातों को भुलाकर हम सभी श्री रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण में साथ मिल-जुल कर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।