संस्कार भारती की अखिल भारतीय साधारण सभा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन हुआ.

विगत सप्ताह 4 एवं 5 दिसंबर 2021 कर्णावती (अहमदाबाद), गुजरात में संस्कार भारती की अखिल भारतीय साधारण सभा सम्पन्न हुई, जिसमे देशभर से संस्कार भारती के 225 से अधिक सदस्य एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । इस 2 दिवसीय अ. भा. साधारण सभा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन हुआ ।विख्यात चित्रकार श्री. वासुदेव कामत जी सर्वसम्मति से संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। शिक्षाविद एवं संस्कृतिविद हेमलता एस मोहन जी, विश्वविख्यात वायलिन वादक श्री मैसूर मंजूनाथ जी, अभिनेता श्री नीतीश भारद्वाज जी उपाध्यक्ष और श्री. अश्विन दलवी जी महामंत्री के दायित्व का निर्वहन करेंगे । मंत्री के रूप में श्रीमती नीलांजना राय जी (पश्चिम बंगाल), श्री चेतन जोशी जी (दिल्ली), श्री रविन्द्र बेडेकर जी (नासिक) का मनोनयन हुआ ।

प्रबंधकारिणी बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले ने कहा कि हमारा कार्य अब प्रस्तुति परक के साथ ही पर विमर्श आधारित होगा । उल्लेखनीय है अखिल भारतीय साधारण सभा के पूर्व दिनांक 03 दिसंबर को प्रबंधकारिणी की बैठक हुई थी जिसमे सदस्यों के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय  लिए गए ।

सत्र में अपने विचार रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ. भा. बौद्धिक प्रमुख माननीय स्वांतरंजन जी ने कहा कि अपना कार्य ईश्वरीय कार्य है, क्योंकि इसे मूर्तरूप देने वाले देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं की टोली हमारे पास है । उन्होने स्व जागरण के लिए विविध प्रयोगों को करने पर बल दिया।

एक विशेष सत्र में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सीसीआरटी की अध्यक्ष डा० हेमलता एस० मोहन ने कहा कि नई शिक्षा नीति में निहित कला आयाम को सम्बद्ध पक्षों तक प्रभावी रूप से पहुंचाने में संस्कार भारती कि अब महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव के आयोजन पर विशेष बल देते हुए देशभर में कार्यक्रमों की रचना और आयोजन आरंभ हो गए है, जिसके अंतर्गत न केवल राजनैतिक स्वतन्त्रता बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा और स्वदेशी का भाव जागरण कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अँग्रेजी सत्ता के विरुद्ध भारतीय समाज के प्रतिकार के विभिन्‍न पहलू देश के सामने आने चाहिए थे, जो नहीं आ सके। इन्हे संस्कार भारती कला के माध्यम से देश के सामने लाने का प्रयास करेगी । भारतीयता का जागरण करने के लिए कला की विविध विधाओं को माध्यम बनाकर जनजागरण किया जाएगा ।
इस अवसर पर स्वतन्त्रता के 75वीं वर्षगांठ पर अखिल भारतीय कार्ययोजना के अंतर्गत “स्वाधीनता से स्वतन्त्रता की ओर” का लोगो जारी किया गया।

साधारण सभा के उद्घाटन सत्र में साहित्य अकादमी गुजरात के अध्यक्ष, पद्मश्री विष्णु पाण्ड्या, हास्य लेखक पद्मश्री शाहबूद्दीन राठौड़, लोक कला फाउंडेशन के संस्थापक पद्मश्री जोरावर सिंह जाधव, पारसी रंग मंच के सशक्त हस्ताक्षर पद्मश्री यजदीप कारांदिया और प्रख्यात अभिनेता व चाणक्य के नाटूय से सांस्कृतिक अस्मिता को जगाने वाले पद्मश्री मनोज जोशी, अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार व संस्कार भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष वासदेव कामथ एवं गुजरात प्रांत अध्यक्ष एवं गुजरात के पूर्व मंत्री महेंद्र भाई त्रिवेदी एवं कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। राष्ट्र तब सशक्त होता है जब उसकी संस्कृति श्रेष्ठ होती है और अपनी संस्कृति ही देश की रीढ़ है। उक्त बातें प्रख्यात अभिनेता पद्मश्री मनोज जोशी ने अपने उद्बोधन में कही।

गत वर्ष का वृत प्रस्तुत किया गया। जिसमें मुख्य रूप से पीर पराई जाणे रे.. कार्यक्रम के तहत कलाकारों को सहायता कोविड महामारी के दौरान कलाकारों की व्यथा को समझते हुए पीर पराई जाणे रे कार्यक्रम के तहत 771 कलाकारों को अभी तक आर्थिक सहायता दी जा चुकी है और कार्य निरंतर जारी है। इसके साथ ही देशभर के अन्य स्थानों पर पाँच हज़ार से अधिक कलाकारों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायता प्रदान की जा चुकी है।

राष्ट्रीय विचारों को जगाने, कला की आधुनिक गतिविधियों का वाइब्रेण्ट केंद्र, संस्कार भारती का केंद्रीय कार्यालय कला संकुल नई दिल्ली में पूर्ण क्षमता के साथ कार्यरत्त है।

संगठन की वर्तमान स्थिति के मूल में देश भर के 45 प्रान्तों में प्रत्यक्ष कार्य है। नागालैंड और मिजोरम में भी हमारा संपर्क है।

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