रविवार 01 मार्च 2014 को देश की राजधानी दिल्ली पूरी तरह भगवा रंग में नजर आ रही थी। राजधानी के कोने कोने से भगवा पटका डाले और भगवा झंडा लहराते हुए लोगों के झुंड के झुंड जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की ओर बढ़ रहे थे। यह अवसर था विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आहूत विराट हिन्दू सम्मेलन का। इस सम्मेलन में उमड़े हिन्दुओं का स्वागत करने साक्षात् इंद्रदेव भी उमड़ आए थे। सुबह से बारिश हो रही थी। इतनी बारिश में भी इतनी बड़ी संख्या में हिन्दू सम्मेलन में सहभागी होने आए थे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओजस्वी वक्ताओं ने हिन्दुओॆ के जागरण पर जोर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह माननीय सुरेश सोनी जी ने सम्मेलन में आए बड़ी संख्या में हिन्दुओं का आह्वान करते हुए कहा कि देश के सामने जो भी चुनौतियां हैं, उनके समाधान के लिए हिन्दुओं को ही आगे आना होगा।
विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुरक्षित हिन्दू, समृद्ध हिन्दू और सम्मानयुक्त हिन्दू का नारा दिया। उन्होंने कहा कि हिंन्दुओं पर आज सबसे अधिक आक्रमण किए जा रहे हैं। उसकी सुरक्षा किया जाना सर्वाधिक आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् चाहती है कि देश में हरेक व्यक्ति को भोजन, हर बच्चे को शिक्षा, हर परिवार को घर और हर युवा को रोजगार मिले। इसके लिए ही विश्व हिन्दू परिषद् सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हिंन्दुओं की समृद्धि में ही भारत की समृद्धि निहित है। परिषद् आचरण द्वारा जागृत और समृद्ध हिन्दू बनाएगी। परिषद् द्वारा संचालित हिन्दू हेल्पलाइन और इंडिया हेल्थलाइन के माध्यम से लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं। इस योजना को हम निचले स्तर तक ले कर जाएंगे।
बद्रिकाश्रम ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि हिन्दू धर्म में धर्म परिवर्तन एक अपराध है। परंतु यदि कोई वापस अपने मत में आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। जनसंख्या का धार्मिक असंतुलन देश के लिए आज एक खतरा बनता जा रहा है। हिन्दू समाज को इसकी चिंता करनी होगी।
कड़वे प्रवचन के नाम से अपने ओजस्वी भाषण के लिए प्रसिद्ध जैन मुनि तरूण सागर जी महाराज ने हिंन्दुओं के मतांतरण को रोके जाने और मतांतरित हिंदुओं की घर वापसी पर जोर दिया। उन्होंने सम्मेलन को ललकारते हुए कहा कि लव जिहाद भारत के काले भविष्य का संकेत है। यह गैर मुस्लिमों को मुस्लिम बनाने का एक षड्यंत्र है और इसका पर्दाफाश किया जाना आवश्यक है।
प्रखर हिन्दू योद्धा के रूप में विख्यात डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सम्मेलन को आश्वस्त किया कि हिन्दू हित की समस्त कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए वे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह एक लंबी लड़ाई है और इसके लिए बड़ी तैयारी की आवश्यकता है। हिन्दू समाज को एकजुट होकर इस लड़ाई के लिए सन्नध होना होगा।
सम्मेलन को प्रतिष्ठित उद्योगपति व समाज सेवी महाशय धर्मपाल, प्रसिद्ध बौद्ध गुरू रिनपोछे, महामंडलेश्वर स्वामी राघवानंद जी, सुधांशु जी महाराज, विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री विष्णु हरि डालमिया, अध्यक्ष श्री राघव रेड्डी, संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र, केंद्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघल, एड्वोकेट मोनिका अरोडा सहित बड़ी संख्या में साधु-संत और पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया।
श्री गुरदीन प्रसाद रुस्तगी के संयोजकत्व में सम्मेलन के प्रारंभ में बाबा सत्यनारायण मौर्य जी ने भारत माता की आरती करते हुए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उन्होंने देशभक्ति गीतों से सम्मेलन के प्रतिभागियों को बारिश में भी झुमा दिया।