​गुजरात संघ कार्य में पिछले 5 वर्ष में वृद्धि हुई है – डॉ. जयंतीभाई भाड़ेसिया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंतीभाई भाड़ेसिया ने आज कर्णावती महानगर में एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए कहाँ कि  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक रांची (झारखण्ड ) में दिनांक 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक आयोजित की गयी. इस बैठक में संघ की दृष्टि से 42 प्रान्तों के प्रतिनिधि ,अखिल भारतीय अधिकारीगण तथा अन्य क्षेत्रों के प्रमुख कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.

इस बैठक में देश-समाज की वर्तमान स्थिति ,जनसंख्या ,जलसंसाधन ,स्वच्छता और संघ के विविध कार्यों के वृत तथा आगामी  योजना की चर्चा हुई. वर्ष 2011 में प्रकाशित भारत की जनसंख्या के आंकड़ों का विश्लेष्ण करने के पश्चात् अ.भा.का.मंडल द्वारा इस संदर्भ में ‘जनसंख्या वृद्धि दर में असंतुलन एक चेतावनी’   नाम से प्रस्ताव पारित किया गया.  इस प्रस्ताव के अनुसार  भारतवर्ष में हुई जनगणना से विदित होता है कि भारत में जन्में मूल सम्प्रदाय के लोगों की संख्या और उनकी वृद्धि दर अन्य की अपेक्षा घटी है. यह जनसंख्या क्रमानुसार 88% से घट कर 83.8% तथा अन्य की 9.8% से बढ़ कर 14.23 % हो गयी है.

इस असमान जनसंख्या के कारणों में मुख्य है, सीमा पार से हो रही घुसपैठ, मतान्तरण और जन्म दर में अंतर . भारत की अपनी पहचान और संस्कृति को बनाये रखना व सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे असम, बंगाल, बिहार और अन्य राज्यों में हुए अत्यधिक जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है. सुप्रीम कोर्ट, गवर्नर और स्थानीय जनता का अनुभव व अभिप्राय भी ऐसा ही है. इसलिए इस सम्बन्ध में समान जनसंख्या संतुलन की एक नीति बननी चाहिए, घुसपैठ को रोका जाना चाहिए और इसके लिए कारगर उपाय तथा जनजागृति आज के समय की आवश्यकता है.

डॉ. भाड़ेसिया ने बताया  कि संघ के सरकार्यवाह श्री भैय्याजी जोशी ने पंजाब में हुए गुरुग्रंथ साहेब के अपमान के संदर्भ में उचित कार्यवाही करने और कश्मीर के संत अभिनव गुप्त के एक हजार वर्ष पूरे होने के अवसर पर अभिनंदन का निवेदन भी किया. देश के बहुत बड़े भाग में खड़ी हो रही पानी की कमी की समस्या के समाधान के लिए जलसंचय व उसका प्रबंधन,स्वच्छता द्वारा देश की छवि सुधारने और स्वास्थ्य संबंधी जागृति फ़ैलाने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ,अन्यान्य संघठनों तथा विविध कार्य की चर्चा –समीक्षा –अनुभव के आधार पर आगामी योजना बनायी गयी.

संघ के 90 वर्ष पूरे होने पर आज 31,804 स्थानों पर 50,432 शाखायें और  13,620 साप्ताहिक मिलन  तथा 7,940 स्थानों पर मासिक मिलन चल रहे है. इस प्रकार कुल मिला कर आज संघ की उपस्थिति 70,992 स्थानों पर है . संघ की आगामी योजना संघ कार्य को मंडल स्तर (पांच – सात गाँवो का समूह ) तक ले जाने की है.

गुजरात प्रान्त में भी पिछले पांच वर्षों में संघ की दृष्टी से 541 स्थानों से बढ़ कर 723 स्थानों पर 991 शाखाओं से बढ़कर 1402 दैनिक शाखाएं,  820 साप्ताहिक मिलन, 717 मासिक मिलन के साथ संघ कार्य 2939 स्थानों पर पहुंचा है. इन शाखाओं में 60% शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में है और कुल में से 70% शाखाएं तरुणों की है.

संघ की वेबसाइट Join RSS के माध्यम से भी संघ कार्य से जुड़ने वाले तरुणों की संख्या भी बढ़ी है.  संघ द्वारा संघ की दैनिक शाखा के अलावा ग्रामीण विकास, ग्रामीण विकास में ग्रामीणों की भागीदारी, गौसंवर्धन, सामाजिक समरसता तथा कुटुंब प्रबोधन जैसी गतिविधियों में भी खूब काम हुआ है.

परम पूज्य सर संघचालकजी ने मार्ग दर्शन प्रदान करते हुए संघ कार्य की गति को बढ़ाने तथा समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर संघ कार्य को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया.

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