13 से 15 मार्च तक नागपुर में होगी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च निर्णायक मंडल अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक 13 मार्च से शुरू होगी. रेशिमबाग नागपुर में प्रतिनिधि सभा की बैठक 13 से 15 मार्च तक आयोजित होगी. संघ में नीति निर्धारण और निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. 13 मार्च को सुबह 8.30 बजे सरसंघचालक प्रतिनिधि सभा की बैठक का विधिवत उद्घाटन करेंगे.

तीन दिवसीय बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों की शाखाओं से निर्वाचित प्रतिनिधि, संघ के प्रांत स्तर के निर्धारित कार्यकर्ता, संघ के अनुषांगिक (संघ परिवार) संगठनों से चिंहित राष्ट्रीय पदाधिकारी तीन दिवसीय बैठक में भाग लेंगे. नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्गम (जन्म) स्थल है, जहां डॉ हेडगेवार ने सन् 1925 में संघ की नींव रखी थी. पिछले वर्ष प्रतिनिधि सभा की बैठक राष्ट्रोत्थान विद्या केंद्र बंगलुरू में आयोजित की गई थी.

किसानों के मध्य कार्यरत भारतीय किसान संघ, वनवासी क्षेत्र में कार्यरत वनवासी कल्याण आश्रम, छात्रों में कार्यरत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, मजदूर संगठनों में कार्यरत भारतीय मजदूर संघ, संत समाज में कार्यरत विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.

इनके अलावा शिक्षा क्षेत्र में विद्या भारती, क्रीड़ा भारती, विज्ञान भारती, देववाणी संस्कृत के प्रचार में लगी संस्था संस्कृत भारती, संस्कार भारती, लघु उद्योग भारती, राष्ट्रीय सेविका समिति, स्वदेशी जागरण मंच, भारत विकास परिषद, सेवा भारती, दीनदयाल शोध संस्थान, शैक्षिक महासंघ, धर्म जागरण संगठनों से भी पदाधिकारी प्रतिनिधि सभा की बैठक में उपस्थित रहेंगे. समाज के विशेष क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य के साथ कार्यरत सीमा सुरक्षा परिषद, सक्षम, पूर्व सैनिक परिषद के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.

समस्त संस्थाओं के प्रतिनिधि संगठन की गतिविधियों की जानकारी (कार्य वृत्त) बैठक में रखेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी प्रांत अनुसार कार्य, गतिविधियों की जानकारी रखी जाएगी. तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश-समाज से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी तथा सर्व सहमति से आवश्यक विषयों पर प्रस्ताव पारित किये जाएंगे.

प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से चुने हुए प्रतिनिधियों सहित करीब 1500 कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के भाग लेने की संभावना है.

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