भगत सिंह के चाचा क्रांतिकारी सरदार अजीत सिंह / जन्म दिन – 23 फरवरी

सरदार अजीत सिंह सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी थे।  रिश्ते में भगत सिंह के चाचा थे। 1906  ई. में लाला लाजपत राय जी के साथ ही साथ उन्हें भी देश निकाले का दण्ड दिया गया था।

इनके बारे में कभी श्री बाल गंगाधर तिलक ने कहा था ” ये स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनने योग्य हैं “। उन्हें क्या पता था कि आज़ादी के साथ आयेगी विभाजन कि त्रासदी, जिससे पीड़ित होकर यह व्यक्ति दुनिया से विदाई ले लेगा।

  • जब तिलक ने ये कहा था तब सरदार अजीत सिंह की उम्र केवल २५ साल थी। अब वो सन्दर्भ जिनके कारण तिलक ने इस शख्सियत के बारे में ऐसा कहा था:
  • 1909  में सरदार अपना घर बार छोड़ कर देश सेवा के लिए विदेश यात्रा पर निकल चुके थे, उस समय उनकी उम्र थी 28  साल।
  • इरान के रास्ते तुर्की, जर्मनी, ब्राजील, स्विट्जरलैंड, इटली, जापान आदि देशों में रहकर उन्होंने क्रांति का बीज बोया ओर आजाद हिन्द फौज की स्थापना की।
  • नेताजी को हिटलर ओर मुसोलिनी से मिलाया। मुसोलिनी तो उनके व्यक्तित्व के मुरीद थे।
  • इन दिनों में उन्होंने 40  भाषाओं पर विजय प्राप्त कर ली थी। ऐसा था उनका व्यक्तित्व।
  • रोम रेडियो को तो उन्होंने नया नाम दे दिया था, आजाद हिन्द रेडियो। ओर इसके मध्यम से क्रांति का प्रचार प्रसार किया।
  • 38  साल बाद जब मार्च 1947  में वो भारत वापस लौटे, तब उनकी उम्र थी- 66  साल।

भारत लौटने पर पत्नी ने पहचान के लिए कई सवाल पूछे, जिनका सही जवाब मिलने के बाद भी उनकी पत्नी को विश्वास नही हुआ था । इतनी भाषाओं के ज्ञानी हो चुके थे सरदार, कि पहचानना बहुत ही मुश्किल था। 40  साल तक एकाकी और तपस्वी जीवन बिताने वाली श्रीमति हरनाम कौर भी वैसे ही जीवत व्यक्तित्व वाली महिला थीं।

देश के विभाजन से इतने व्यथित थे सरदार कि 15  अगस्त 1947 के सुबह 4  बजे उन्होंने आपने पूरे परिवार को जगाया, ओर जय हिन्द कह कर दुनिया से विदा ले ली।

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