આવતીકાલે ‘વિશ્વ મૂળ નિવાસી દિવસ ‘ છે. ૧૯૯૪ માં સંયુક્ત રાષ્ટ્ર દ્વારા આ દિવસની ઘોષણા કરવામાં આવી હતી. Working Group on Indigenous People ની પ્રથમ બેઠક ૯ ઓગસ્ટ ૧૯૮૨ માં મળી હતી. આથી ‘વિશ્વ મૂળ નિવાસી દિવસ’ ૯ ઓગસ્ટના રોજ ઉજવવામાં આવે છે. આની પાછળ સંયુક્ત રાષ્ટ્રની ભૂમિકા ખૂબ સ્પષ્ટ છે. તેમના કહેવા મુજબ, ૪૭.૬ કરોડ […]
कल ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ (World Indigenous Day) है. सन् 1994 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिवस की घोषणा की थी. इस कल्पना को लेकर सन 1982 में Working Group on Indigenous People समूह की पहली बैठक 9 अगस्त को हुई थी. इसलिए 9 अगस्त को ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ मनाया जाता है. इसके […]
खिलाफत आंदोलन(1919-1924) मजहबी किताबों द्वारा स्वीकृत ऐसा आंदोलन था, जिसका भारत मे प्रारंभ उसी समय हो गया था, जब पहले इस्लामी आक्रमणकारी ने भारत की जमीन पर कदम रखा। आधुनिक काल में ओटोमन खलीफा की चर्चा सूफियों, उलेमा, मध्यवर्गीय मुस्लिम बुद्धिजीवियों, मुस्लिम प्रेस और आम मुस्लिमों में 1830 के दशक के बाद से दिखाई देती […]
ચીની વસ્તુઓનું બહિષ્કાર કરવાનું અભિયાન દેશભરમાં જોરશોરથી ચાલી રહ્યું છે. કોરોનાની મહામારીને કારણે વિશ્વના દેશોનો ચીન પ્રતિ જોવાની દૃષ્ટિ પણ બદલાઈ રહી છે. ભારત પણ સમજી રહ્યું છે કે હિન્દી-ચીની ભાઈ – ભાઈ હવે ના થઈ શકે. હવે પ્રશ્ન તે ઊભો થાય કે ચીની સામાનના બહિષ્કાર માટે આપણી તૈયારી પૂરી છે ? શું આપણે આ ચુનોતીને સામે લડવા તૈયાર […]
किसी दीनदार मुस्लिम के लिए, सिद्धांत (तालीम-व-तरबियत) विवेक पर हावी होता है। इस्लामी सिद्धांत के निम्न तीन स्रोत हैं- कुरान, हदीस (पैगंबर मुहम्मद के कथनी एवं व्यवहार का आधिकारिक विवरण) तथा सीरत (पैगंबर मुहम्मद की जीवनी) या सुन्नत (पैगंबर मुहम्मद द्वारा दी गई पद्धति या परंपरा)। व्यक्तिगत या सामाजिक स्तर पर, यह केवल मजहबी-किताबी स्वीकृति […]
रांची, 10 जुलाई : खिलाफत आंदोलन (1919-1924) भारतीय मुस्लिमों के बीच उत्पन्न हुए एक तनाव का परिणाम था, जो प्रथम विश्व युद्ध के अंत में तुर्की ओटोमन साम्राज्य के विखंडन और तुर्की में खलीफा पद की समाप्ति की आशंका के परिणामस्वरूप प्रारम्भ हुआ था। खिलाफत आंदोलन की सर्वप्रमुख मांग खलीफा (शाब्दिकअर्थ:उत्तराधिकारी, पूरे विश्व के मुस्लिमों के […]
देश मे आपातकाल लगाए जाने वाले काले 25 जून पर प्रतिवर्ष कुछ न कुछ लिखना मेरा प्रिय शगल रहा है। किंतु, आज जो मैं आपातकाल लिख रहा हूं, वह संभवतः इमर्जेंसी के सर्वाधिक कारुणिक कथाओं मे से एक कथा होगी। जिस देश मे मतदान की आयु शर्त 18 वर्ष हो व चुनाव लड़ने की 21 […]
1962 से 1967 वाला हठधर्मी चीन भारत के प्रति 1998 मे सुधरा था और इसे सुधारा था पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी जी ने, जो कि भारत चीन संबन्धो के सच्चे वास्तुकार कहे जाते हैं। वर्तमान मे भारत चीन सम्बंध मे जो भी सत्व है वह 1998 के परमाणु विस्फोट से लेकर 2003 तक के अटलबिहारी शासन […]
महात्मा गांधी एक व्यक्ति अथवा नेता नहीं थे. भारतीय अंतर्मन के एक सशक्त हस्ताक्षर थे महात्मा जी.‘रामराज्य’, ‘वैष्णव-जन’ एवं हिन्द स्वराज जैसे आदर्श उनकी जीवन यात्रा के घोषणा पत्र थे. स्वदेश, स्वदेशी, स्वधर्म, स्वसंस्कृति, स्वभाषा और स्वराज इत्यादि विचार तत्वों को गांधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन की कार्य संस्कृति और उद्देश्य घोषित किया था. महात्मा […]
यह एक ऐतिहासिक सच्चाई है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद पर अंतिम निर्णायक प्रहार किया था. 21 अक्तूबर, 1943 को नेता जी द्वारा सिंगापुर में गठित आजाद हिन्द सरकार को जापान और जर्मनी सहित नौ देशों ने मान्यता दे दी थी. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर […]