18 मई, 1974 को, पोखरण में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया, जिसका कूट नाम था ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा Smiling Buddha. उस समय भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी थी। इस परीक्षण के साथ भारत छठा परमाणु क्षमता संपन्न देश बन गया. भारत के परमाणु शक्ति संपन्न होने की दिशा में काम तो वर्ष 1945 में ही शुरू […]
गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस केवल भारत ही नहीं, तो विश्व भर के विद्वानों के लिए सदा प्रेरणास्रोत रही है। दुनिया की प्रायः सभी भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। अंग्रेजी में सर्वप्रथम इसका अनुवाद भारत में नियुक्त अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी श्री एफ.एस.ग्राउस ने किया। श्री ग्राउस का जन्म 1836 ई. में विल्डेस्ट (इपस्विच) में श्री […]
बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे (पद्मसंभव) का 8वीं सदी में सिक्किम दौरा यहाँ से सम्बन्धित सबसे प्राचीन विवरण है। 1642 इस्वी में ख्ये के पाँचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र […]
हिन्दी साहित्य के गौरवशाली नक्षत्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को अपने अनूठे लेखन शिल्प के कारण हिन्दी का प्रथम लोकमान्य आचार्य माना जाता है। इनका जन्म ग्राम दौलतपुर (रायबरेली, उ.प्र.) में 15 मई, 1864 को पंडित रामसहाय दुबे के घर में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में ही हुई, जबकि बाद में वे रायबरेली, रंजीतपुरवा […]
हिन्दुस्थान में हिंदवी स्वराज एवं हिन्दू पातशाही की गौरवपूर्ण स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के जयेष्ठ पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को पुरंदर गढ पर हुआ. छत्रपति संभाजी के जीवन को यदि चार पंक्तियों में संजोया जाए तो यही कहा जाएगा कि: ‘देश धरम पर मिटने वाला, शेर शिवा का छावा था। महा पराक्रमी […]
1998 में भारत ने पोखरण में 11 मई से 13 मई तक सफलतापूर्वक पांच परमाणु परीक्षण किए थे। इस सफलता के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय जवान, जय किसान’ और ‘जय विज्ञान’ का नारा दिया था। यह दिन हमारी प्रौद्योगिकी ताकत को दर्शाता है। इस दिन भारत अपनी उन्नत स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परिचय […]
देश की स्वाधीनता के लिए जिसने भी त्याग और बलिदान दिया, वह धन्य है; पर जिस घर के सब सदस्य फांसी चढ़ गये, वह परिवार सदा के लिए पूज्य है। चाफेकर बंधुओं का परिवार ऐसा ही था। 1897 में पुणे में भयंकर प्लेग फैल गया। इस बीमारी को नष्ट करने के बहाने से वहां का प्लेग […]
मातृभूमि की सेवा के लिए व्यक्ति की शिक्षा, आर्थिक स्थिति या अवस्था कोई अर्थ नहीं रखती। दिल्लीवासी क्रांतिवीर अवधबिहारी ने केवल 25 वर्ष की अल्पायु में ही अपना शीश मां भारती के चरणों में समर्पित कर दिया। अवधबिहारी का जन्म चांदनी चैक, दिल्ली के मोहल्ले कच्चा कटरा में 14 नवम्बर, 1889 को हुआ था। इनके […]
इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारतवासियों ने एक दिन के लिए भी पराधीनता स्वीकार नहीं की। आक्रमणकारी चाहे जो हो; भारतीय वीरों ने संघर्ष की ज्योति को सदा प्रदीप्त रखा। कभी वे सफल हुए, तो कभी अहंकार, अनुशासनहीनता या जातीय दुरभिमान के कारण विफलता हाथ लगी। अंग्रेजों को भगाने का पहला संगठित प्रयास […]
महाराणा प्रताप का नाम भारत के इतिहास में उनकी बहादुरी के कारण अमर है। उनका जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था और माता महारानी जयवंता बाई थीं। अपने परिवार की वह सबसे बड़ी संतान थे। महाराणा प्रताप 1 मार्च, 1573 को सिंहासन […]