भारत के प्रथम जुरासिक वैज्ञानिक माने जाते हैं बीरबल साहनी स्वतन्त्र भारत के पहले शिक्षा मन्त्री मौलाना आजाद ने एक वैज्ञानिक को शिक्षा सचिव जैसा महत्वपूर्ण पद सँभालने के लिए आमन्त्रित किया। सुख-सुविधाओं और सत्ता के लाभ वाले ऐसे पद पर आने के लिए प्रायः सब उत्सुक रहते हैं; पर उन्होंने विनम्रतापूर्वक इसके लिए मना […]
अठारहवीं शती के पंजाब में सिखों की शुकरचकिया मिसल (छोटी रियासत) के उत्तराधिकारी के रूप में दो नवम्बर 1780 को गुजराँवाला मे जन्मे रणजीत सिंह ने अपने शौर्य, पराक्रम, सूझबूझ और कूटनीति से सिख राज्य की सीमाएँ अटक, पेशावर, काबुल और जमरूद तक पहुँचा दी थीं। रणजीत सिंह के पिता का नाम सरदार महासिंह था। […]
डॉ सलीम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली एक भारतीय पक्षी विज्ञानी, वन्यजीव संरक्षणवादी और प्रकृतिवादी थे। डॉ अली देश के पहले ऐसे पक्षी विज्ञानी थे जिन्होंने सम्पूर्ण भारत में व्यवस्थित रूप से पक्षियों का सर्वेक्षण किया और पक्षियों पर ढेर सारे लेख और किताबें लिखीं। उनके द्वारा लिखी पुस्तकों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण […]
मौलाना अबुलकलाम मुहीउद्दीन अहमद (जन्म- 11 नवम्बर, 1888; मृत्यु- 22 फ़रवरी, 1958) एक मुस्लिम विद्वान् थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वह वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे। उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्थन किया और सांप्रदायिकता पर आधारित देश के विभाजन का विरोध किया। स्वतंत्र भारत में वह भारत सरकार के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्हें ‘मौलाना आज़ाद’ के नाम से जाना जाता […]
श्री दत्तोपन्त ठेंगड़ी का जन्म दीपावली वाले दिन (10 नवम्बर, 1920) को ग्राम आर्वी, जिला वर्धा, महाराष्ट्र में हुआ था। वे बाल्यकाल से ही स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रहे। 1935 में वे ‘वानरसेना’ के आर्वी तालुका के अध्यक्ष थे। जब उनका सम्पर्क डा. हेडगेवार से हुआ, तो संघ के विचार उनके मन में गहराई से […]
औरंगज़ेब के शासन काल की बात है। औरंगजेब की हठधर्मिता कि उसे अपने के इस्लाम के अतिरिक्त किसी दूसरे धर्म की प्रशंसा तक सहन नहीं थी। मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर और गुरुद्वारों को तोड़ने और मूर्ती पूजा बंद करवाने के फरमान दिए थे, उसके आदेश के अनुसार कितने ही मंदिर और गुरूद्वारे तोड़े गए […]
अनादि काल से भारत भूमि पर हजारों सन्त महात्माओं ने जन्म लेकर अपने उपदेशों से जनता जर्नादन का कल्याण किया है। इन्हीं ऋषि-मुनियों की परम्परा में थे श्री दिगम्बर स्वामी, जिनके सत्संग का लाभ उठाकर हजारों भक्तों ने अपना जीवन सार्थक किया। स्वामी जी का जन्म ग्राम सिरवइया (जिला उन्नाव, उ.प्र.) में आठ नवम्बर, 1903 […]
बात 1903 की है। मद्रास के प्रेसिडेन्सी कालेज में बी.ए. में पढ़ाते समय प्रोफेसर इलियट ने एक छोटे छात्र को देखा। उन्हें लगा कि यह शायद भूल से यहाँ आ गया है। उन्होंने पूछा, तो उस 14 वर्षीय छात्र चन्द्रशेखर वेंकटरामन ने सगर्व बताया कि वह इसी कक्षा का छात्र है। इतना ही नहीं, तो […]
हिन्दी में सर्वप्रथम विज्ञान संबंधी लेख एवं पुस्तकें लिखने वाले प्रो. महेश चरण सिन्हा का जन्म छह नवम्बर, 1882 को लखनऊ (उ.प्र.) में हुआ था। लखनऊ के बाद उन्होंने प्रयाग से बी.ए. और कानून की शिक्षा पाई। एक बार जापान के सिन्धी सेठ आसूमल द्वारा जापान में तकनीकी शिक्षा पाने वाले भारतीय छात्रों को दी […]
नि:संदेह हेमू अथवा सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य दिल्ली के सिंहासन पर बैठे अंतिम हिन्दू सम्राट थे। वे एक प्रतिभाशाली शासक, एक सफल सेनानायक, एक चतुर राजनीतिज्ञ तथा दूर-द्रष्टा कूटनीतिज्ञ थे। समस्त पठानों तथा तत्कालीन मुगल शासकों -बाबर तथा हुमायूँ के काल तक एक भी हिन्दू इतने ऊंचे पद पर नहीं पहुंचा था। हेमचन्द्र भारतीय इतिहास में सर्वश्रेष्ठ […]